‘बिहार के गाँधी ‘नाम से चर्चित स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जगलाल चौधरी की जयंती

●अजय प्रकाश सरोज

बिहार के गाँधी नाम से चर्चित स्वतंत्रता सग्राम सेनानी व पूर्व मंत्री जगलाल चौधरी जी का आज 5 फरवरी को जयंती हैं । पटना में बिहार सरकार और पासी समाज के द्वरा प्रत्येक वर्ष कार्यक्रम आयोजित होता हैं जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल होकर अपने नेता जगलाल चौधरी को याद करतें उनके किये गए के कार्यों पर चर्चा करतें हैं । इस वर्ष भी ए .एन.सिन्हा समाजिक अध्ययन संस्थान में कार्यक्रम किया गया है

कौन थें जगलाल चौधरी –

5 फरवरी 1895 को जगलाल चौधरी
एक भारतीय स्वतंत्रता कार्यकर्ता , नेता और बिहार , भारत के राजनीतिज्ञ थे । वह एक सुधारक भी थे, जिन्होंने महिलाओं के अधिकारों , दलितों की मुक्ति, शिक्षा और बिहार में भूमि सुधार के लिए हमेशा याद किए जाते रहेंगे ।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

जगलाल जी का जन्म बिहार में सारण जिले के गरखा गांव में पासी जाति के ताड़ी विक्रेता मुशन चौधरी के घर हुआ था । उनकी शिक्षा छपरा जिला स्कूल, पटना कॉलेज और मेडिकल कॉलेज कलकत्ता में हुई थी।

स्वतंत्रता संग्राम में योगदान पुत्र भी शहीद-

चौधरी जी ने अपनी चिकित्सा शिक्षा बंद कर दी और 1921 में गांधी जी के आह्वान पर असहयोग आंदोलन में शामिल हो गए । वह जिला कांग्रेस समिति के सदस्य बने और नमक सत्याग्रह में भाग लेने के कारण उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया । 1941 में उन्हें गिरफ्तार किया गया और व्यक्तिगत सत्याग्रह में भाग लेने के लिए जेल में डाल दिया गया और 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन की ऊंचाई पर उन्होंने सत्याग्रह का नेतृत्व किया और पुलिस स्टेशन और डाकघर पर कब्जा कर लिया।गरखा में इसके लिए उन्हें गिरफ्तार किया गया और पांच साल कैद की सजा सुनाई गई। चौधरी जी के एक बेटे इंद्रदेव चौधरी को पुलिस ने आंदोलन के दौरान गोली मार दी थी।जिसमें वें शहीद हो गए। चौधरी जी 23 अगस्त 1942 से 30 मार्च 1946 तक उनकी रिहाई तक जेल में ही रहे।

राजनीतिक सफ़र

चौधरी जगलाल जी पहली बार 1937 में कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में बिहार विधानसभा के लिए चुने गए थे और वह चौथे मंत्री बने, तब बिहार सिर्फ चार ही मंत्री बनतें थें । प्रधानमंत्री तब मुख्यमंत्री को ही प्रधानमंत्री कहा जाता था ,उस समय कांग्रेस के मंत्रालय में सार्वजनिक स्वास्थ्य और आबकारी के प्रभारी बने। बिहार में शराबबंदी का लागू करने की हिमाक़त चौधरी जी ने ही उस दौरान की थीं। 1946 में उन्हें फिर से विधानसभा में शामिल किया गया और वे कांग्रेस के सार्वजनिक स्वास्थ्य और हरिजन कल्याण मंत्री बने । स्वतंत्रता के बाद, उन्होंने 1952 के आम चुनावों को सफलतापूर्वक लड़ा और बाद में 1957, 1962, 1967 और 1969 के चुनावों में विधानसभा के लिए फिर से चुने गए ।

चौधरी साहब बिहार में सामाजिक सुधार के पैरोकार थे। आबकारी मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने बिहार में शराबबंदी लागू की। और बिहार में भूमि सुधार की वकालत करते हुए प्रति परिवार तीन एकड़ भूमि की ज़मीन सीलिंग की मांग कर रहे थे। 1953 में उन्होंने भारत को पुनर्निर्माण के लिए एक योजना लिखी।

मृत्यु और स्मरणोत्सव

जगलाल चौधरी जी की 1975 में मृत्यु हो गई। छपरा में जगलाल चौधरी कॉलेज का नाम उनके नाम पर रखा गया है। जगलाल चौधरी जी पर एक स्मारक डाक टिकट २००० में डाक विभाग जारी किया गया था । और अभी कुछ वर्ष पहलें उनकी अदम कद प्रतिमा भी पटना में लगाई गई हैं ।

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