गुरमेंहर कौर क्या देश द्रोही है ? और महान खिलाड़ी वीरेन्द्र सहवाग देशभक्त ?

एक २० साल की युवती गुरमेहर कौर जिसने अपने पिता को सिर्फ़ २ साल की उम्र में खो दिया । एक ऐसी लड़की जिसने अपना जीवन बिना पिता के गुज़ारा क्योंकि उनके पिता कैप्टन मंदिप सिंह १९९९ के कारगिल युद्ध में शाहिद हो गए थे । जिसने अपने पिता को सिर्फ़ २ साल की उम्र में खो दिया उस लड़की को सिर्फ़ इस लिए देश द्रोही कहा जा रहा है क्योंकि उसका मानना है कि उसके पिता को पाकिस्तान ने नहि युद्ध ने मारा है ।
बस इतना ही कहना की पाकिस्तान ने नहि युद्ध ने मारा है ,कथा कथित देश भक्तों का ग़ुस्सा सातवें आसमान पर है । यह वही देश भक्त है जो कभी गाय को माता जब्रजसती मनवाते है , वेलेंटाइन डे पर युवाओं को पिटते है थीयटर में राष्ट्र गान में खड़े न होने पर मार पीट करते है , आज सरकार का इनपर हाथ है क्योंकि इन सब की शाखायें एक ही पेड़ से निकली है । ऐसे हवाबाज देश भक्त गुरमेहर की देश भक्ति पर सवाल उठा रहे है , गैंग रेप और हत्या की धमकी दे रहे है , देश द्रोही कह रहे है । 

विरेंद्र सहवाग बक़ायदा ट्वीट करके मज़ाक़ उड़ाते है कहते की डबल सेंचुरी मैंने नहि मेरे बल्ले ने बनाई है । हालाँकि कल उन्होंने उस ट्वीट की सफ़ाई दी पर आग तो उन्होंने लगा ही है ।
और यह सिर्फ़ इसलिए की वह चाहती है की दोनो देश के चलाने वाले लोग युद्ध बंद करे , वह चाहती है की भारत के लोग पाकिस्तान से और पाकिस्तान के लोग भारत से नफ़रत न करे । उसका कहना है की जब फ़्रान्स और जर्मनी , जापान’ और यूएसए जो कभी एक दूसरे के जानी दुश्मन थे आज सबकुछ भूल कर आगे बढ़ रहे है तो भारत और पाकिस्तान क्यों हमेशा युद्ध के लिए तैयार रहते है ।

पर यह तथाकथित देश भक्त और यहाँ के कुछ लोग नहि चाहते की लोग पाकिस्तान से नफ़रत करना छोड़ दे । क्योंकि पाकिस्तान से यहाँ के लोगों की नफ़रत से ही कुछ लोगों की दुकानदारी चलती है । 

कुछ दीनो पहले सेरजिकल स्ट्राइक का हौवा खड़ा किया और फिर पाकिस्तान का डर दिखाकर हज़ारों करोड़ का राफ़ेल सौदा ( लड़ाकू विमान ) का सौदा हो गया । जनता ख़ुश की हमारी सेना मजबूत हो गई । और इस सौदे का कॉंट्रैक्ट जीसे मिला वह रिलायंस का पार्ट्नर है । पर जनता को तो बस पाकिस्तान याद रहता है 
गुरमेहर भी आम भारतीय की तरह उसी सोच के साथ बड़ी हुई पाकिस्तान से नफ़रत, मुसलमानो से दूरी । बल्कि गुरमेहर के मन में पाकिस्तान के प्रति ज़्यादा ग़ुस्सा था क्योंकि पाकिस्तान ने उसका बचपन छीन लिया था , इसी सोच के कारण जब वह सिर्फ़ ६ साल की थी एक बुर्क़ा पहने महिला को धक्का देने वाली थी । पर जैसे जैसे वह बड़ी हुई पढ़ाई लिखाई हुई उन्हें समझ में आया की पाकिस्तान में भी हमारे जैसे लोग ही रहते है , वहाँ के लोग भी अमन चाहते है , पर देश के हुक्मरान युद्ध चाहते है । उनकी सोच में बड़ा बदलाव आया जब उन्होंने उस पाकिस्तान के उस पायलट से बात की जिसने उनके पिता के जहाज़ को मीसाईल से उड़ा दिया था , उसने बताया कि उसे उस बात का अफ़सोस है और दुःख है पर उसके पास कोई और रास्ता नहि था क्योंकि उसे ऐसा करने के लिए ऊपर से ऑर्डर मिला था । 
गुरमेह का यह कहना की उनके पिता को पाकिस्तान ने नहि युद्ध ने मारा है क्या ग़लत है इसमें । अगर युद्ध नहि होता उसके और उसके जैसे हज़ारों बच्चों के पिता ज़िंदा होते । क्या यह सच नहि है की भारत – पाकिस्तान के बीच युद्ध सिर्फ़ दोनो देशों के हुक्मरानों की वजह से होते है । दोनो देश ओस मुद्दे को अपने अपने तरीक़े से भुनाते है । मरते है आम सैनिक । जब दो सैनिक आमने सामने होते है तो उनकी आपस की क्या दुश्मनी होती है । पर इस देश के चलाने वाले ऐसा मौहौल बनाते है की युद्ध हो ।

ABVP की देशभक्ति वाली हरकतें बढ़ती जा रही है , जब से सरकार बनी है वह निरुकुश हो रहे है , हो भी क्यों न जिसके एक पत्र से देश की मानव संसाधन मंत्री हरकत मे आ जाती है , वह ताक़त वर तो रहेंगे ही , रोहित वेमुला के केस में यह थे , JNU विवाद में यह थे , अब रामजस कोलेज के छात्रों से बादतिमिजी करने के बाद , दिल्ली यूनिवर्सिटी इनके निशाने पर है । दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्रों को समर्थन करने वाली गुरमेहर कौर को इन्होंने न देश द्रोही क़रार दिया है बल्कि धमकी भी दी है । उस पर इतना प्रेशर बनाया की आख़िर कार उन्हें दिल्ली छोड़ कर जाना पड़ा नहि तो शायद ……

हमारे देश में यह बहुत शर्मनाक घटनाए हो रही है देश भक्ति के नाम पर जबरजसती और मनमानी हो रही है ।

इसका विरोध कीजिए ।
राजेश पासी ,मुंबई 

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