हमारे बारे में

“श्री पासी सत्ता पत्रिका समाज के सभी लोगों की पत्रिका है । यह पत्रिका किसी एक पासी संगठन की नहि है बल्कि भारत देश की सभी संगठनों की पत्रिका है । श्री पासी सत्ता पत्रिका पासी समाज की एक पहचान बनना चाहता है । आज श्री पासी सत्ता की पहुँच इलाहबाद और लखनऊ से निकल कर दिल्ली, मुंबई, कलकत्ता से होते हुए गुजरात, मध्यप्रदेश, गोवा, बिहार छत्तीसगढ़ से होते हुए पूरे उत्तर भारत तक पहुँच रही है । पत्रिका की शुरुआत साल २०११ में ५०० प्रतियाँ छापने से हुई थी २०१७ के शुरुआत तक यह पत्रिका १०००० की संख्या पार कर जाएगी । 

इस पत्रिका की सफलता के प्रति हम इसलिए आश्वस्त है क्योंकि इस पत्रिका की शुरुआत अजय जी ने इलाहबाद से शुरू की थी अजय जी युवा है और विद्यार्थी है और पत्रिकारीता में ही अपना कैरियर भी बनाना चाहते है । वह पत्रिका के लिए अपना १००% दे रहे है और आगे भी दे सकते है क्योंकि उनका कार्य क्षेत्र वही है । हमारे समाज में वैसे भी मीडिया की कमी है और हमारे युवा अक्सर इस क्षेत्र में जाने से कतराते है ।इस पत्रिका के ज़रिए हम पासी समाज में अपने एक मीडिया की कमी पूरी होगी जो पासी समाज को केंद्रित करके आपना कार्य करेगी।यह पत्रिका भारत देश के पूरे पासी समाज को एक कड़ी में जोड़ने में एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित होगी” 

➺ संपादक – अजय प्रकाश सरोज
अजय जी का जन्म साल 1988 को ग्राम – जमालपुर, पोस्ट – फूलपुर, जिला – इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश। अजय जी की शुरुवाती शिक्षा गाँव में ही हुई । हाईस्कूल करने के बाद झूँसी गंगा के किनारे लालामनमोहन दास इंटरमीडिएट कॉलेज से इन्टर उत्तीर्ण कर । इलाहाबाद विश्विद्यालय की शाखा सीएमपी डिग्री कॉलेज से विज्ञानवर्ग में दाखिला लिया। अजय जी ने प्रथम सत्र में ही छात्रसंघ का चुनाव लड़ा। शायद यह पहली बार था कि कोई साइंस का SC लड़का प्रथम सत्र में चुनाव लड़ा। क्योकि उस समय ज्यादातर सामान्य वर्ग के ही छात्र चुनाव में भागीदार होते थे। 

पत्रकारिता और लेखन कार्य में शुरू से ही रुचि थी इसलिए 2007 में जब साइंस में बैचलर डिग्री ले रहे थे पत्र पत्रिकाओं में अनुसूचित जातियों के ख़बर को दबायें जानें की समझ उनमें पैदा हुई तो अनुसूचितों के हित में लिखना शुरू किया । मन में समाज की पीड़ा बनी रही । फिर अजय जी ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से 2010 में जर्नलिज़्म में प्रवेश लिया और 2011 में ही “श्री पासी सत्ता” के नाम से पत्रिका प्रकाशन शुरू किया। नवम्बर 2011 में प्रथम प्रवेशांक प्रकाशित हुआ। उस समय बहुत से साथियों ने विरोध दर्ज किया की ये जातिवादी पत्रिका का प्रकाशन कर रहा है।लेकिन अजय जी का जबाब था की हमने जाति तो बनाई नहीं है तो मै जिस समाज में पैदा हुआ अख़बारों में उसका सही जिक्र नहीं होता। अपराध के सिवा कोई प्रेरणादायक ख़बर नहीं छपती। मै अपने समाज के मीडिया की कमी को दूर करना चाहता हु । 

“अजय जी युवा है, पत्रकारीता के शोधार्थी है और पत्रीकारीता में ही अपना कैरीयर बना रहे है जिसकी समाज में बहुत ज़रूरत है । – राजेश पासी, मुंबई” 

➺ अतिथि सम्पादक – आर के सरोज, लखनऊ
➺ प्रबंध सम्पादक – राम सूचित भारतीय
➺ सह सम्पादक – अरुण कुमार सोनू 

मार्गदशक मण्डल –
  ➺ मा0 राम प्रकाश सरोज – (पूर्व एडीजीपी उत्तर प्रदेश व् प्रसिद्ध लेखक)


संपादकीय मंडल –
➺ रामदयाल वर्मा 
➺ राज कुमार इतिहासकार 
➺ के पी राहुल
➺ केशव कैथवास (फ़िल्मकार)
➺ सुरेश चंद्र
➺ रामयश विक्रम प्रदीप 
➺ लालाजी नागर
➺ राजेश पासी, मुंबई 
➺ व्यरो लखनऊ – वेद प्रकाश
➺ व्यरो इलाहाबाद – अनुराग 

संरक्षक –
➺ कन्हैयालाल (निदेशक राष्ट्रीय अनुसूचित जाती आयोग)
➺ दयाराम सरोज (अपर पुलिस अधीक्षक)
➺ सुभाष चंद्र (आई.इ.एस.) 
➺ विनोद चौधरी, पटना बिहार 
➺ अर्जुन रावत, धनबाद झारखंड 
➺ सुजीत चौधरी, वैशाली बिहार
➺ डॉ रमेश कुमार “आईएएस एलायड” नई दिल्ली 

साहित्यकारों ने किया वेबसाइट का लोकार्पण

आज दिनांक ८ मई २०१६ स्थान लखनऊ उत्तरप्रदेश में श्री पासी सत्ता की वेब्सायट पासी समाज के सभी इतिहासकारों की उपस्थिति में लाइव हो गई । श्री पासी सत्ता परिवार का जो लक्ष्य था समाज के सभी प्रमुख इतिहासकारों और साहित्यकारों को एक साथ लाकर वेब्सायट का लोकार्पण करने का वह बहुत सफल रहे । प्रख्यात इतिहासकार दाऊ जी गुप्त किसी कारण वश एक दिन पहले ही शहर से बाहर होने की वजह से पहुँच नहि पाए थे , राजकुमार इतिहासकार (लखनऊ), के पी राहुल (रायबरेली) रामदयाल वर्मा (हरदोई) के के रावत (बाराबंकी) रामप्रकाश सरोज (प्रतापगढ़), सूर्यबलि बेहसार (हरदोई) आदि सभी प्रमुख इतिहासकार उपस्थित थे सभी ने पत्रिका के इस कार्य को बहुत सराहा ।       <br><br> कार्यक्रम का संचालन आर के साहेब और विक्रम जी ने किया । सभी माननीय के स्वागत समारोह के बाद कार्यक्रम की शुरुआत मुंबई से पत्रिका के मुंबई प्रभारी आए राजेश पासी जी ने वेब साइट के बारे में जानकारी देकर की यह वेब्सायट कब, कैसे और क्यों बनि भविष्य में वेब्सायट रेलेटेड क्या योजनाए है, क्या आशाए है, हम क्या चाहते है वेब्सायट से और जो हम चाहते है वह इस वेब्सायट से हमें कैसे मिलेगा या हम कैसे ले पाएँगे इस बारे में श्री पासी सत्ता परिवार के विचार रखे । साथ ही वेब्सायट की साइट लॉंच होने के बाद वेब्सायट का छोटा सा परिचय भी दिया ।  <br><br> उसके साथ ही साहबदिन द्वारा रचित भीम चालीसा का विमोचन हुआ और सभी उपस्थित लोगों में भीम चालीसा की कापी डिस्ट्रिब्यूट की गई । इसके साथ सभी साहित्यकारों और उपस्थित मान्यवरों ने अपने अपने विचार रखे । जिससे उपस्थित लोगों और ख़ास करके नई पीढ़ी के लोगों को बहुत कुछ सिखने को मिलेगा । इस अवसर पर मुंबई से आइ RCP की टीम ने सभी मान्यवरो को बाबा साहेब की भूमि चैत्य भूमि से लाई हुई महात्मा बुद्ध की फ़्रेम की हुई ख़ूबसूरत फ़ोटो उनके सम्मान और यादगार के रूप में भेंट दी । पत्रिका के सम्पादक अजय जी ने पत्रिका के बारे में जानकारी दी कैसे मुश्किल परिस्थितियों में यहाँ तक पहुँची साथ ही उन सभी लोगों को धन्यवाद दिया जिन्होंने इस पत्रिका को यहाँ तक पहुँचाने में मदद की और भी बहुत से लोग अभी भी कर रहे है । पत्रिका के भविष्य के बारे में अपनी योजनाएँ बताई । और सभी मान्यवरो से सहयोग की आशा रखते हुए यह भी अपेक्षा रखी की पत्रिका की बागडोर मुख्य रूप युवाओ की भागीदारी है तो अगर कुछ ग़लती हो तो माफ़ करने की बजाय हमें टोके और बताए की यह ग़लत है ।

इस कार्यक्रम में काफ़ी लोग थे काफ़ी लोग लखनऊ से बाहर से थे और बहुत से लोग धन्यवाद के पात्र है जिन्की वजहसे यह कार्य्क्र्म सफल हुआ और बहुत से वक्ताओ ने बहुत सी अछी और ज़रूरी बातें कही सबका नाम और उनकी बातें नहीं लिख पा रहा हु । पर स्पेशल धन्यवाद अमृत प्रकाश साहब (लखनऊ) का ज़रूर देना चाहगे जिन्होंने इस कार्यक्रम की तैयारी के लिए अपने स्कूल में न सिर्फ़ जगह दी बल्कि हर प्रकार सहयोग भी किया । कार्यक्रम जिस सोच के साथ, जिस उद्देश्य के साथ बहुत ही सरल बिना ताम झाम, बिना शोर शराबे के मुख्य रूप से साहित्यकारों को ध्यान में रख कर किया गया था श्री पासी सत्ता परिवार उसमें पूरी तरह से सफल रहा । तस्वीर में बायें से संपादक अजय प्रकाश सरोज राजेश आर पासी प्रभारी मुम्बई, राम दयाल वर्मा इतिहासकार, धनमेंद्र सरोज टीचर, राज कुमार इतिहासकार, Ex.IPS राम प्रकाश सरोज (वरिष्ठ लेखक) राम आसरे जी, अमृत प्रकाश जी (पूर्व शिक्षा निदेशक) कवि आरके सरोज, पटना बिहार के संरक्षक बिनोद चौधरी जी (पीछे चस्मा लगाये हुए) केके रावत जी (इतिहासकार) केपी राहुल (इतिहासकार व् लेखक) संरक्षक – दयाराम सरोज (ASP) राम बहादुर जी Ex. IAS, यस आर भारतीय (आजीवन सदस्य, हरिद्वार उत्तराखंड) भवन नाथ पासवान जी ।