पासी समाज के महापुरुषों के नाम से छेड़छाड़ मान्य नहीं

देश में महापुरुषों के इतिहास के साथ हमेशा छेड़छाड़ की घटनाएं हमेशा होती रही हैं।इसी कड़ी में पासी समाज से सम्बन्ध रखने वाले महाराजा सुहेल देव पासी के इतिहास के साथ भी छेड़छाड़ करने की कोशिश की जा रही है।कुछ जाति विशेष के लोग उन्हें राजभर जाति से जोड़ने पर तुले हुए हैं।जो उनकी मानसिकता को प्रदर्शित करता हैं।वैसे तो महाराजा सुहेल देव पासी सभी समाज के माननीय महाराजा रहे हैं।सभी समाज के लोग उनके ऊपर गर्व करते है।सलार गाजी के साथ हुए जंग में सलार गाजी को मारकर और उसके ऊपर विजय की गाथा पूरे देश में गाई जाती है।लेकिन पासी जाति से सम्बन्ध रखने के कारण पासियों का उनके ऊपर गर्व करना स्वाभाविक हैं।बहुत समय पहले राजभर और पासी एकदूसरे के बहुत नजदीक रहे है।लेकिन कुछ राजनीतिक पार्टियां राजभर और पासी को अलग अलग कर के देख रही हैं।उनमें आपस में वैमस्यता फैलाने की और लड़ाने की पूरी कोशिश कर रही है।उसी कड़ी में महाराजा सुहेल देव पासी को महा राजा सुहेल देव राजभर के नाम से प्रचारित करने की कोशिश कर रही हैं।और राजभर वन्धुओ क भड़का कर पासियों से लड़ाने की पूरी कोशिश कर रही हैं।जो ठीक नहीं है।पासी समाज इसका पुरजोर विरोध करता हैं।अभी योगी जी के निर्णय से पूरे पासी समाज में खुशी की लहर हैं कि स्कूलों के पाठ्य क्रम में महाराजा सुहेल देव पासी की वीर गाथा के बारे में बच्चों को पढ़ाया जायेगा।इस उद्घोषणा से पासी समाज योगी जी को बधाई देता हैं।और महाराजा सुहेल देव पासी के नाम के साथ किसी भी तरह के छेड़छाड़ का पुरजोर विरोध करता हैं।पासी समाज में इस तरह के छेड़छाड़ के विरोध में लोग संवैधानिक तरीके से विरोध जताने के लिए तैयार है। जय महाराजा सुहेल देव पासी।जय माँ विरांगना ऊदा देवी पासी।जय भीम । एस आर भारतीया

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