नील गाय का आतंक

नील गाय खेतों में

झूँसी ,इलाहबाद / कड़ाके की ठंठी रात हो या फिर बरसात, झूँसी विधान सभा के किसानो की रात अपने फ़सल की रखवारी में ही बीतती है।
आज सुबह के पांच बजे मॉर्निंग वॉक पर बड़े भाई के साथ निकला तो कुहरे के सन्नाटे में चारपाई पर टार्च जलती हुई दिखाई पड़ी । जिज्ञाशा में पूछ बैठा क़ि दादा ये टार्च क्यों जलाये रखे हो ? रजाई के अंदर से कुछ धीमी आवाज़ आई ”ये भईया रतिया में जब थोड़ी छपकी लग जात है तो ई गइयन और नील गइया टार्चिया जलत देंख खेतन में आवय से डरय थीं ” 

तो क्या आप पूरी रात फ़सल की देंख भाल करती है बोली हाँ भइया नहीं त सब गोहूँ चर जाती है।अब आप जान ही गए होंगे कि यह आवाज़ दादा की नहीं दादी की थी। पूछने पर कि यह रखवारी कब तक करती है तो बताई कि जब तक पूरी फसल कट नहीं जाती है। 

भाई साहब ने बताया क़ि इस क्षेत्र के सभी किसान ऐसी ही अपने फसलो की सुरक्षा करते है। क्योंकि इधर गाय झुण्ड के झुण्ड में आती है सारी फ़सल खा जाती है। नील गायों के अलावा पालतू गायें भी रात भर किसानों के खेत में फ़सल खाकर सुबह अपने मालिकों के घर दूध देने पँहुच जाती है। शायद इनकी समझदारी के लिए इन्हें माता कहा जाता है। लेकिन नील गाय तो पालतू जानवर भी नहीं है । यह रेड़ी करने वाला जंगली जानवर है। फिर किसानों के हित में इन जानवरों की समाप्ति का अभियान क्यों नहीं ?
मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ कि गाय -नील गाय किसानों के लिए इतनी बड़ी समस्या है। मंहगी हो चुकी खेती के किसानों की फसलों को इस तरह का नुकसान बेहद चिंता जनक है। 
लेकिन चुनावी मौशम में किसी भी पार्टियों के घोषणा पत्र में नहीं है। वैसे नितीश कुमार की पार्टी जदयू के पोस्टरों में नील गाय मुक्त किसान का स्लोगन देखने को मिला था। लेकिन जदयू ने उत्तर प्रदेश के चुना व न लड़ने का फैशला किया है । 

तो क्या किसानों की यह समस्या इसी तरह बनी रहेगी ? क्या यह ‘पूस की रात’ हल्कू जैसे किसानों को निग़लती रहेगीं , और सरकारें मौन होकर तमाशा देखती रहेंगी ? -अजय प्रकाश सरोज

अखिल भारतीय पासी समाज

पासी अखिल भारतीय पासी समाज,मुंबई ने जिस तरह से २६ जनवरी गणतंत्र दिवस का उत्सव मुंबई पासी परिवार के साथ मनाया अपने आप में अनोखा और अविस्मरणीय है ।मुंबई जैसे शहर में ७००-८०० पासी समाज के लोगों के साथ सामाजिक उत्सव मनाना कोई साधारण बात नहि है । शायद कई वर्षों के बाद मुंबई में ऐसा संयोग बना था । ६०० से ज़्यादाकुर्सियाँ पूरी पैक थी २०० से ज़्यादा लोग मैदान में चारों तरफ़ फैले थे । आप महिलाओं और बच्चों की संख्या देखिए अक्सर सामाजिक कार्यक्रमों में इनकी उपस्थिति कम होती है ,आप तस्वीरों में देख सकते है । यह फेंक तस्वीरें नहि है ।
कार्यक्रम की शुरुआत महाराज शिवाजी , महात्मा फुले , बाबा साहेब,वीरांगना उदा देवी और महाराजा बिजली पासी की तस्वीरों पर दीप प्रज्वलित करके की किया गया ।

मैदान बहुत भव्य और ख़ूबरती से सजाया गया था । मंच का संचालन मानननिय राम नारायण सरोज जी और युवा टीम नीतू सरोज , ज्योति सरोज और डॉक्टर अखिलेश सरोज ने नए तरीक़ों से बहुत प्रभावशाली ढंग से किया ।
कार्यक्रम को इस तरह से मैनेज किया गया था कि ५-६ घंटो को प्रोग्राम में कही भी बोरियत महसूस नहि हुई । लोग अंत तक कुर्सियों से उठ नहि पा रहे थे । मुख्य वक्ताओ के साथ बच्चों के सान्स्कृत प्रोग्राम ने सबका मोहित किया । देख कर आस्च्र्य लगा की अपने समाज के बच्चों में भी कितनी प्रतिभा छुपी हुई है । बसंत लाल जी के पासी समाज के ऊपर गायन ने ऐसा शमा बाँध था कि सारा मैदान झूमने लगा था । इसके अलावा अंधविश्वास पर रामदास जी और डॉक्टर अखिलेश द्वारा मंचित नाटक जो श्राद् जैसे अंधविश्वास के ऊपर था लोगों ने काफ़ी सराहा ।
मुख्य अतिथियों की लिस्ट इस तरह से डिज़ाइन की गई थी की महिलाओं , विधार्थियो और बच्चे पूरे कार्यक्रम में केंद्र में रहे इसलिए पद्मश्री कल्पना सरोज ( जैसा कि आप जानते है परिवार में एक हादसे की वजहसे वह उपस्थित नहि हो पाई थी ) C A प्रभावती सरोज , नीतू सरोज और समाज के आइकॉन ब्रिजेश सरोज का समावेश था साथ ही समाज में वैचारिक बदलाव का संदेश जाए इसलिए रमेश जी , रामसमूझ जी , राम प्रसाद जी ,रामनारायण जी और सुधीर सरोज जी का समावेश था ।
इस मैदान में एक कोने में वर वधू पहचान के लिए टेबल लगे हुए थे ।जहाँ लोग वर वधू की जानकारिया शेयर कर रहे थे और दूसरे कोने में फ़्री हेल्थ चेकअप का स्टाल लगा हुआ था । जहाँ लोग फ़्री ब्लड टेस्ट करा रहे थे जिसकी रिपोर्ट उनके घरों या मोबाइल में भेजी जाने वाली थी ।
मुख्य वक्ताओ में रामसमूझ जी ने समाज में वैचारिक बदलाव लाने का संदेश दिया मंदिरो में दिए जाने वाले दान के बारे में विचार करने को कहा की हमारा पैसा हम पर ही राज करने के लिए उपयोग किया जा रहा है । रामनारायण जी ने कहा मुंबई में अपने अधिकारों के लिए सड़कों पर उतरना पड़ेगा । ब्रिजेश सरोज ने पढ़ाई पर ध्यान देने के टिप्स शेयर किए । C A प्रभावती सरोज ने अपने अंदर की ताक़त को पहचानने के तरीक़े बताए उन्होंने कहा की अपने अंदर की ताक़त को खोजे और समाज को लीड करे ।
इस कार्यक्रम में श्री पासी सत्ता पत्रिका जो की इलाहाबाद से निकलती है और देश के कई राज्यों में इसकी पहुँच है । कई राज्यों में सभी संस्थाओ द्वारा पत्रिका का अधिकारिक उद्घाटन हुआ है । हालाँकि मुंबई और महाराष्ट्र में श्री पासी सत्ता पहुँच चुकी थी पर मुंबई में इसका अधिकारिक उद्घाटन नहि हुआ था । इसलिए २६ जनवरी २०१७ को श्री पासी सत्ता पत्रिका और कलेंडर का अधिकारिक उद्घाटन अखिल भारतीय पासी समाज , RCP टीम मेम्बर और मुख्य अतिथियों उधयोगपति रतनलाल सरोज , उद्योगपति जीतलाल सरोज , C A प्रभावती सरोज और ब्रिजेश सरोज के हाथो में किया गया ।श्री पासी सत्ता का कैलेंडर लोगों को इतना पसंद आया की पूरा स्टॉक सिर्फ़ ५ मिनट में ख़त्म हो गया लोग अंत तक कलेंडर के बारे में पूछ रहे थे ।
इतने विविधता भरे कार्यक्रम को इतने विस्तृत रूप से इतनी सफलता से आयोजन करने का श्रेय वहाँ के सदस्यों को जाता है ।
राजेश पासी ,मुंबई

श्री पासी सत्ता ( प्रभारी मुंबई )

RCP टीम (टीम मेम्बर )

अखिल भारतीय पासी समज ,मुंबई ( सदस्य)

राष्ट्रीय पासी समाज ,मुंबई ( सदस्य)

​ महाराजा बिजली पासी जयंती

हम हमेशा से कहते आए है सोशल मीडिया बहूजनो के लिए वरदान है । महाराजा बिजली पासी की जयंती इस बार पूरे देश में मनाई गई । ज़ाहिर है पिछली बार से ज़्यादा जगहों पर मनाई गई ।अगर ५ साल पहले देखे तो कितने लोग मनाते थे । अब घर में परिवार के साथ भी मनाया जाने लगा है । इसमें सोशल मीडिया के प्रचार के महत्वपूर्ण सहयोग है ।
यह जयंती मनाना शुरू हुई थी लखनऊ से । वहाँ के इतिहासकार , साहित्यकारों और सामाजिक कार्य करने वालों की मेहनत का नतीजा है । राजकुमार इतिहास कार , रामदयाल वर्मा , आर ए प्रसाद , रामकृपाल , राम लखन , आर के सरोज , जैसे बहुत से नाम है लखनऊ से जिन्होंने बहुत पहले शुरुआत की थी । ज़ाहिर है शुरुआत में बहुत कम सहयोग मिला होगा इन्हें पर इनहिनो हिम्मत नहि हारी ।
आर ए प्रसाद की अखिल भारतीय पासी समाज जो सबसे पुरानी संस्थाओ में से है कई वर्षों से मना रहे है , राम लखन साहब है काफ़ी पहले शुरू किए थे ।
पिछले कुछ सालों से अल्लाहाबद में पासी परिवार ( सुपर ५०) ने भी बड़े पैमाने पर यह मनाया जाता है । मित्र नरेंद्र और उनकी टीम के सहयोग से अल्लाहाबद की सड़कों पर महाराजा बिजली के बड़े बड़े होर्डिंग दिखाई देती है ।
बिहार में पहली बार पासी सेना द्वारा महाराजा बिजली पासी जयंती मनाई गई । जिसमें बड़े भाई सूजीत कुमार , मित्र वेद , मित्र निशान्त और मित्र अमित जी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ।
दिल्ली में मित्र हेमंत हमेशा से सेलेब्रेट करते है वह और उनकी पूरी टीम हमेशा ऐसे कार्यों में आगे रहते है ।
हमारे प्रतापगढ़ में लगातार दूसरी बार तेज़ तरार युवा वेदप्रकाश ने सफल आयोजन कर लोगों को जागरूक किया ।
आप तस्वीरों में देखिए देश के कई स्थानो की तस्वीरें है ।
आयोजन की भव्यता देखिए आज इसे मनाने के लिए हमारे समाज के सांसद औरकेंद्रीय मंत्री भी पूरा सहयोग देते है । माननीय सांसद कौशल कुमार साहेब , माननिय सांसद प्रियंका रावत जी और माननिय मंत्री कृष्णाराज जी का बहुत बहुत धन्यवाद ।
राजेश पासी ,
RCP टीम मुंबई