पासी समाज के राजनैतिक हालात पर चिंतक बैठक सम्पन्न

1 सितंबर 2018 को इलाहाबाद में पासी समाज के बुद्धिजीवी व सामाजिक स्वजातीय बंधुओं द्वारा पासी समाज के सामाजिक और राजनीतिक स्थिति के ऊपर एक परिचर्चा आयोजित की गई ।

इस परिचर्चा में मुख्य अतिथि इलाहाबाद के सीनियर नेत्र सर्जन डॉक्टर ए0के0 कौल जी उपस्थित रहे उन्होंने पासी समाज को शिक्षित होकर समाज के लोगों को जागरुक करने की बात कही साथ ही समाज को एकजुट करने के लिए प्रयासरत रहने के अपने अनुभव साझा किए। अध्यक्षता कर रहे इलाहाबाद विश्वविद्यालय की प्रोफेसर डॉक्टर आलोक प्रसाद जी ने समाज की ऐतिहासिक और वर्तमान परिस्थितियों को रेखांकित किया और बताया कि समाज में सामाजिक और राजनीतिक कार्यो में एक काल्पनिक अंतर है इसलिए हम सभी को इन दोनों दिशा में मिलकर के काम करना होगा।

इस परिचर्चा में एडवोकेट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष अजीत भाष्कर जी ने संचालन करते हुए कहा कि इस समाज में आज भी पासी होने के नाते सभी सरकारी विभागों में और साथ ही गांव में किसानों मजदूरों का शोषण और अत्याचार निरंतर जारी है ऐसा होने पर उन्हे न्याय दिलाने के लिये अधिवक्ताओं की टीम के साथ घटना स्थल पर जा कर उन्हे मदद देने का कार्य कर रहें हैं और आगे भी करते रहेंगे।
इस परिचर्चा में आकस्मिक रुप से ना आ पाने पर *दिल्ली में कमर्शियल पायलट Go Air Sr. Commander श्री ब्रिजेश चंद्र लाल जी* ने वीडियो कॉन्फरेंस से अपनी बाते रखीं।

आगे सभी उपस्थित सभी स्वजाति बंधुओं ने अपने अनुभव और विचार रखें और अन्त में कुछ प्रस्ताव पारित किए गए जिसमें पासी समाज की पत्रिका का प्रकाशन, सामाजिक संगठन और राजनीतिक संगठन निर्माण, कैडर गठन के साथ ही सामाजिक और शैक्षिक जागरूकता के लिए प्रयास शुरू करने का प्रस्ताव पारित किया गया।

इस परिचर्चा में मुख्य रूप से पूर्व ADM अभय राज, जनपद न्यायालय के चिकित्साधिकारी डॉ अशोक रंजन, डॉक्टर शैलेश रावत, डॉ गणेश प्रसाद, इलाहाबाद हाईकोर्ट के एडवोकेट चंद्रप्रकाश निगम, विष्णु भगवान, वीरेंद्र कुमार, COD के कन्हैया लाल, प्रदीप कुमार, एलआईसी मैनेजर पारसनाथ, सहायक अध्यापक अतुल कुमार, रामप्रताप सरोज, सिचाईं विभाग के अजय कुमार, अभिषेक कुमार, जितेंद्र कुमार* तथा कई संख्या में पासी समाज के बुद्धिजीवी उपस्थित रहे।

One thought on “पासी समाज के राजनैतिक हालात पर चिंतक बैठक सम्पन्न”

  1. पासी समाज आज सबसे ज्यादा जागरूक हैं।लगभग हर हफ्ते कहीं न कहीं कोई संगठन राजनैतिक या सामाजिक अपनी गतिविधियां जारी रखें है।बस एक जयप्रकाश नारायण जैसे की जरूरत है। किसी भी एकता के लिए हम हमेशा तैयार है।

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