दबे मन से दिया बसपा को वोट

मन तो नही किया लेकिन हाथी को वोट कर दिया !

मेरी माँ ने कँहा कि मन तो नहीं कर रहा था कि मायावती को वोट दें लेकिन दे दिया। मित्र सोनू ने पूछा कि क्यों मम्मी ,बोली ” सोनू भइया चमारव् कबहु पासी के वोट नाही देत है लेकिन पासी ,चमारन के वोट दई देत थिन ” का करी अब केका देइत ? मायावती कुछ देता त नाही मगर थोड़ा बहुत शासन टाइट रखत है।

दर असल आज शहर से वोट देने के लिए मित्र सोनू के साथ गाँव गया जैसे ही घर पर पंहुचा तो माता श्री वोट देकर वापस लौटी थीं । यूँही मित्र सोनू ने पूछ लिया तो माता जी का जबाव सुनकर हम लोग चकित हो गए

# –अजय प्रकाश सरोज

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