क्या सचमुच मुद्दा मोर का मोरनी को बिना छुए गर्भवती करना का है या कुछ और …???


हाई कोर्ट के जज शर्मा साहेब ने गाय को राष्ट्रीय पशु बनाने की सिफ़ारिश करते हुए मोर का उदाहरण दिया की मोर मोरनी को बिना छुए गर्भवती करता है । मोरनी मोर के आँसू पीकर कर गर्भवती हो जाती है इसलिए पवित्र है और इसी कारण राष्ट्रीय पक्षी है । 
पढ़ाई पूरी करने तक इस बात को को सच समझता रहा । पर बाद के दो -चार सालों में ही पता चल गया की मोर -मोरनी के बारे में यह मिथक है । मोर भी वैसे ही मोरनी से संबंध बनाता है जैसे बाक़ी पक्षी ।
कोई भी आम जागरूक इंसान यह जानता है । फिर क्या कारण है की एक जज रेटायरमेंट के होने दिन तक यह मानता है की मोर बिना मोरनी को छुए गर्भवती करता है । 60 साल के एक पढ़े लिखे और प्रतिष्ठित पैड पर कई साल रहेने के बावजूद  ऐसा समझता है ।इसका एक ही कारण है धार्मिक अंध -श्रद्धा । जहाँ धर्म की बात आती है वहाँ सवाल नहि ।
यही कारण है की भारत चमत्कारों का देश है।वायु अंजनी को गर्भवती बना कर पवन-पुत्र पैदा कर सकता है,सूर्य के दर्शन मात्र से कुन्ती कर्ण को जन्म दे सकती हैं और सूर्य के पुत्र शनि के मंदिर में स्त्रियों का प्रवेश निषिद्ध है । कोई फल खाकर पुत्र जन्म दे रही है तो कुछ घी के डब्बे से बच्चे निकल रहे है ।यह सब हमारे यहाँ मान्य है तो मोर – मोरनी वाली साधारण बात क्यों नहि मानी जाएगी ।

       

पर क्या यह बातें सिर्फ़ बहुंजनो को बहकाने के लिए होती है या यह शर्मा टाइप लोग ख़ुद भी सचमुच यही समझते है । 
क्योंकि शर्मा साहेब जिस दिन रेटायअर होना था उसी दिन ऐसा विवाद क्यों करते है । की पूरे देश में बहस छिड़ जाती है । और इस बहस के पीछे जी डी पी का मुद्दा पीछे छूट जाता है । 
जिस देश की अर्थवस्था को अभी तक दुनिया की तेजी से विकसित करती अर्थवस्था में गिना जाता था वह नीचे खिसक गई है । जी डी पी दर ग्रोथ 7.1% से 6.1% हो जो एक बड़ा डाउन फाल है । और इसका कारण है नोट बंदी ।
पर इस मोर -मोरनी के चक्कर में यह मुद्दा ग़ायब हो गया है । सोशल मीडिया जो हमारा मीडिया है वहाँ से भी यह मुद्दा ग़ायब हो गया है और सिर्फ़ मोर -मोरनी का मुद्दा ही ट्रेंड कर रहा है । वह मुद्दे भी अपने हिसाब से तय कर रहे है की हम किस पर चर्चा करे इसलिए सावधान रहने की ज़रूरत है । – राजेश पासी ,मुंबई 

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