बिजनेस या नौकरी बेहतर कौन  ? 

बिजनेस या नौकरी क्या है बेहतर ?
सतहरिया जौनपुर रोड पर जीतलाल पासी की एक समोसे की दुकान थी। जीतलाल बड़े सीधे और सरल स्वभाव के व्यक्ति थे। उनका एक बेटा भी था, दुकान के एक कोने पर जीतलाल समोसे तलते रहते और दूसरे कोने पर उनका बेटा पैसे लेने देने का हिसाब करता था।
दुकान के सामने एक बड़ी सॉफ्टवेर कंपनी थी। कंपनी में दोपहर को जब लंच का समय होता तो कंपनी के लोग अक्सर जीतलाल की दुकान पर समोसे खाने आते थे। हुआ यूँ कि एक दिन कंपनी के मैनेजर महेन्द्र बाबू समोसे खाने आये।
खाते खाते महेन्द्र बाबू को कुछ मजाक सुझा और वो जीतलाल पासी से बोले – भाई समोसे तो आप बहुत ही बढ़िया बनाते हो और दुकान भी आपकी काफी अच्छी चलती है लेकिन तुम्हें नहीं लगता कि ये समोसे बेचकर तुम अपना कीमती वक्त खराब कर रहे हो।
अगर थोड़ा और पढ़ लेते, थोड़ी और मेहनत करते तो मेरी तरह कहीं मैनेजर होते और ऐशोआराम की जिंदगी जी रहे होते। जीतलाल बेचारा सरल स्वभाव का आदमी था वो बोला – मैनेजर साहब आपके और मेरे इस काम में बहुत बड़ा फर्क है।
आगे जीतलाल पासी बोले – आपको याद होगा आज से करीब 10 साल पहले आप इस कंपनी में एक जूनियर के पद पर आये थे। उन दिनों आपकी पगार 10 हजार रूपये महीना थी। मेरे पास तब दुकान तो थी नहीं तो मैं उन दिनों टोकरी में समोसे बेचा करता था और मेरी कमाई करीब 1 हजार रुपये महीना थी।
आज 10 साल बाद आप मैनेजर बन गए और आपकी पगार है 50 हजार। मेरी अब अपनी दुकान है और मेरी कमाई है 2 लाख प्रति माह। लेकिन चलिए पैसा ही सब कुछ नहीं होता। आपने अपने जीवन में जो मेहनत की है वो आपके बेटे के काम नहीं आएगी वो आपके मालिक के बच्चों के काम आएगी।
जब मेरा बेटा बड़ा होगा तो वो मेरी दुकान को संभालेगा और उसे कोई संघर्ष नहीं करना पड़ेगा। मैंने मेहनत करके अपनी दुकान को बड़ा बनाया है और ये सब मेरे बेटे को मिलेगा वो आराम से मेरा बिजनिस आगे बढ़ाएगा।
लेकिन आप तो अपने बेटे को सीधा मैनेजर पद पर नहीं बिठा सकते। आपके बेटे तो फिर से वही जूनियर पद से मेहनत करनी पड़ेगी जो आपने की है, आपकी मेहनत का उसे ज्यादा फायदा नहीं मिल पायेगा।
झेंपे से महेन्द्र बाबू बिना कुछ बोले समोसे के पैसे देकर वापस कंपनी रवाना हो लिए।
दोस्तों इस कहानी में नौकरी और बिजनेस की एक तर्कसंगत तुलना किया हू । हम ये नहीं कहते कि नौकरी करना बुरा है, दरअसल नौकरी भी अच्छी है और अच्छाई बुराई तो हर काम में होती है लेकिन बिजनेस नौकरी से कैसे उत्तम है ये बात हमने कही है। 

साथियो जो नौकरी नही पा रहे है तो बिना समय बर्बाद किये बिजनेस पर ध्यान लगाये। पासी सत्ता पत्रिका के लिंक पर जा कर अपना कीमती कमेंट हमें लिख कर भेजिए। आपके कमेंट हमें और अच्छा लिखने को उत्साहित करते हैं। धन्यवाद!!!

अच्छेलाल सरोज, इलाहाबाद                   7800310397

2 Comments

  1. You are right brother …..sabhi Mehnati bhaiyo ko Nina samay barbaad liye ……apna. Apna decision me Lena chahiye.
    Thinks

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