मज़दूर दिवस पर एक रचना “बाँध”

जो श्रम के मोर्चे पर आगे रखे जाएँगे,

निश्चित है दुर्घटना में वही मारे जाएँगे।

जब होगा बाँधो कारख़ानो का निर्माण,

दीहाड़ी मज़दूर ही देंगे सर्वोच्च बलिदान।

कहीं मज़दूर चुपचाप दफ़न किए जाएँगे,

कहीं अभागे होंगे जो कफ़न नहि पाएँगे ।

प्रबन्धक इंजीनियर होंगे ख़तरे से दूर ,

ख़तरा वही लेंगे जो होंगे मज़बुर ।

बाँध के लेख पर नेता का नाम लिखा होगा ,

बलिदानी मज़दूरों का ज़िक्र नहि होगा ।

मज़दूर दीहाड़ी लेकर चले जाएँगे,

इंजीनियर बाँध निर्माता कहलायेगें।

– दयाराम रावत

Mobile-+91 96509 99404

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