यादव , पाल, मौर्य, तेली , पासी , चमार  कैसे हुए राजा से रंक़ ?


यादव, पाल,मौर्य, धोबी, मौर्या ,चमार , तेली लोहार और पासी अपने-अपने महासभा में चिल्ला-चिल्लाकर बोलते हैं कि पहले हम राजा हुआ करते थे … मैं भी मानता हूं कि पहले यह लोग राजा हुआ करते थे .. किंतु आज यह लोग यह नहीं सोचते हैं कि किसकी वजह से किस व्यवस्था की वजह से आज हम लोग राजा से रंक हो गए।

यह सभी जातियों के अधिकतर लोग अपने को शूद्र नहि मानते पर हिंदू मानते है । अपनी जाती पर गर्व करेंगे हिंदू होने पर गर्व करेंगे । पर यह नहि सोचेंगे की …कि किसकी वजह से किस व्यवस्था की वजह से यादव समाज गाय और भैंस का गोबर बहाने को मजबूर हुआ, पाल राजवंशी भेड़ बकरी पालने वाले हो गया । मौर्य, महान सम्राट अशोक वंशज मुराई सब्जी बेचने वाला बन गया। धोबी समाज कपडे धोने के लिए मजबूर हुआ, मौर्य समाज सब्जी बेचने को मजबूर हुआ , और चमार समाज मरे हुए पशुओं को बहाने और जूता बनाने को मजबूर हुआ , और पासी समाज सूअर पालन और ताड़ी निकालनेको मजबूर हुआ… और आज भी इन्हें वर्ण व्यवस्था के अनुसार शुद्र ही माना जा रहा है….भले ही यह जातियाँ अपने आपको क्षत्रिय माने ।
जब तक यह लोग अपने असली दुश्मन के खिलाफ विद्रोह नहीं करेंगे तब तक रंक से राजा कभी नहीं बन पाएंगे और आजाद जिंदगी कभी जी नहीं पाएंगे….

           जब गुलाम गुलामी में आनंद मनाने लगे तो वह गुलाम गुलामी के खिलाफ कभी विद्रोह नहीं करता है आज यही स्थिति इन बिरादरियों की हो गई है l 

सभी अपनी अपनी बिरादरी में ख़ुश है की हमसे नीचे के पायदान पर कोई जाती तो है । जब यह लोग पढ़े लिखे नहि थे तब के समय में जातीय घमंड और नीचे की जातियों को ख़ुश होना समझ आता है पर आज …????
कैसे राजा से रंक़ हुई यह जातियाँ ? किस व्यवस्था के कारण ? कही वही कारण लेकर हम गर्व करना तो नहि सीख रहे है ,सोचिएगा कभी फ़ुरसत में की जिस चीज़ पर हम गर्व कर रहे है वह जातियाँ गर्व करने लायक है या मानव समाज के लिए एक धब्बा है ?शर्म करने लायक है ।
जय भीम , जय भारत

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *