आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में पासियो को नही मिलता अनुसूचित जाति का दर्जा , राज्य सरकार ने शामिल किया पिछड़े वर्ग में!

22 दिसम्बर को लखनऊ महाराजा बिजली पासी के किले में आयोजित महराजा बिजली पासी के जन्मोत्सव और आखिल भारतीय पासी समाज के राष्ट्रिय महाधिवेशन में देश के सभी राज्यों से पासी जाती के लोग आये थे और अपनी विचार और अपनी समस्याओ को सामने रख रहे थे , उनमे से कुछ लोग तेलंगाना से भी आये थे तेलंगाना से आये लोगो का प्रतिनिधित्व कर रहे राधेश्याम पासी ने अपनी समस्याओ को मंच पर साझा करते हुए कहा की तेलंगाना में हम पासियो को आर्थिक और सामाजिक स्थिति बदतर होते हुए भी तेलंगाना सरकार ने हम पासियो को अनुसूचित जाती में रखने की बजाय पिछड़े वर्ग में रखा है जिसके कारन हम पासियो को कई तरह की समस्याओ का सामना करना पड़ता है , सबसे बड़ी बेरोजगारी की समस्या है हमारे बच्चे बी टेक , ऍम टेक , एमऐ , बीए, बीसीए ,एमबीए करने के बाद भी नौकरियों में भी नही जा पाते और दूसरी बात हमारी सामाजिक स्थिति भी बहुत दयनीय है , बावजूद इसके तेलंगाना सरकार हमारी समस्याओ पर ध्यान नही दे रही है , इन्होने इसके सम्बन्ध में बताया की हमने इस बारे मनमे सम्बंधित बिभागो को कई बार लिखा है , और भारत के  दुसरे राज्यों में पासी जाती के अनुसूचित जाती में होने का हवाला भी देते हुए सरकार और सम्बंधित विभागों को कई बार आवेदन भेजा लेकिन अब तक कोई जबाबी करवाई नही हुयी ,

राधेश्याम पासी जो की तेलंगाना में जाकर बस गए है मूल रूप से उत्तरप्रदेश के ही है उनसे हुयी लम्बी बातचीत में उन्होंने बताया की करीब 129 साल पहले अंग्रेज कोयला खदानों में काम करने के लिए उत्तरप्रदेश से लोगो को बढ़िया मजदूरी , घर , खाने पिने की  बढ़िया व्यवस्था देने का आश्वासन देकर ले गए जिनमे उत्तरप्रदेश से पासी समाज के लोग एक अच्छी खासी आबादी में गये जिनमे राधेश्याम पासी और जो लपसी आज तेलंगना में है उनके पूर्वज लोग शामिल थे , चूँकि उस समय यातायात का उतना सुगम साधन नही था अत: लोग बैलगाडी से ही गये और पुरे 45 दिनों की लम्बी यात्रा के बाद  22 अक्टूबर 1889  को तेलंगाना के खम्मम जिला के एलेन्दु गाव पहुचे , उस समय आंध्रप्रदेश और तेलंगाना पर निजाम का शासन था , अंग्रेज कोयला के खदानों में काम करने के लिए वहां के स्थानीय  लोगो को शुरू में लगाये तो वो लोग कम करने में सफल नही हो सके वो लोग खादानो में दब के मर जाते थे और मरे हुए लोगो के लाशो को निकल भी नही पाते थे अत: उन्होंने भयभीत होकर काम न करने के कारण अंग्रेजो को देख कर भाग खड़े होते थे अत: अन्ग्रेजो ने मज़बूरी में उत्तरप्रदेश के पासी लोगो को लेकर कम करने के लिए तेलंगाना लेकर आये , जिनमे से लगभग सारे लोग यही तेलंगाना भी बस गए कुछ लोग कभी कभी वापस गये और फिर आ भी गये , चूँकि यातायात का साधन न होने के कारन लोग उत्तरप्रदेश से आवागमन नही कर पते थे अंततः वे यही बस गये  शादी व्याह भी यही पासी लोग पासी में ही करने लगे और यही के हो के रह गये ,

राधेश्याम जी ने आगे बताया की यहाँ तेलंगना में पासी लगभग दसहजार से पन्द्रह हजार की संख्या में होंगे कुछ छित पूट आंध्रप्रदेश में है लेकिन 99% पासी तेलंगना में ही है , पासी यहाँ पर व्यवसाय , और मजदूरी और कुछ छोटा मोटा कम करके आजीविका चलाते है , सरकारी नौकरियों में बहुत कम है , उन्होंने बताया की हमलोगों के प्रयासों से 1992 -1993 में जब आंध्रप्रदेश में एन टी रामाराव की सरकार थी एक सर्वेक्षण हुई थी हम पासियो की स्थिति पर उसकी रिपोर्ट के अनुसार हम पासियो को अनुसूचित जाती में डालने की स्थिति स्पष्ट हो चुकी थी लेकिन पता नही किन कारणवश उस रिपोर्टको दिल्ली नही भेजा गया ,  आखिल भारतीय पासी समाज के राष्ट्रिय महाधिवेशन में संगठन के पदाधिकरियो और राष्ट्रिय अध्यक्ष आर ऐ प्रसाद ने इस मुद्दे पर तेलंगना सरकार से उचित करवाई करने के लिए आवेदन करने का वादा किया है सुनवाई न होने की स्थिति में धरना प्रदर्शन होगा ,तेलंगना सरकार को पासी जाती की कुर्बानियों और स्वतंत्रता संग्राम में इस समाज के अहम योगदान को देखते हुए इस समाज के लोगो को तुरंत अनुसूचित जाती का दर्जा देनी चाहिए , क्यूंकि स्वतंत्रता संग्राम में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेने के कारन अंग्रेजो ने इस जाती पर क्रिमिनल ट्राइब एक्ट लगा दिया जिसके कारन इस पासी समाज के लोग आर्थिक सामाजिक और जनसंख्या की दृष्टि से भी पिछड़ गये , वही दूसरी और हिन्दू धर्म की महिलाओं की मुस्लिम आक्रमणकारियों से रक्षा हेतु इसी पासी जाती के लोगो ने गाव के बाहर बसना और सुवर का पालन प्रारंभ किया जिससे की मुस्लिम आक्रमणकारी गाव में प्रवेश न करे और गाव के बाहर पासी ही मुस्लिम आक्रमणकरियो से लड़ते थे , देश और समाज की अस्मिता बचाने के लिए पासी समाज में सुवर का पालन करके अपनी सामाजीक प्रतिष्ठा को दांव पर लगा दिया , अत पासी समाज की इन तमाम कुर्बानियों को मद्देनजर रखते हुए तेलंगना और आंध्रप्रदेश और बाकि और भी ने राज्य जहा पासियो को विशेष सुविधा नही दी जाती है वह इन्हें तत्काल प्रभाव से अनुसुचित जाती में डाला जाये और तमाम सरकारी सुविधाओ सहित आरक्षण का लाभ दिया जाए

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